जिस काम से तुम्हें प्यार है, वो करो


जिस काम से तुम्हें प्यार है, वो करो ...

सबसे पहले लोग यही बोलते हैं कि, हमें पता नहीं हमें किस काम से प्यार है। मुझे सुन कर थोड़ा दुख होता है, पर फिर मैं अपने आप को देखता हूँ, मुझे भी तो नहीं पता मुझे किससे प्यार है। ऐलबर्ट आइंस्टाईन ने अपने पुत्र को लिखी एक चिट्टी में बोला था कि, सर्वाधिक सीखने के लिए वह काम करो जो करते हुए तुम्हें समय बीत जाने का एहसास ना हो।

मैं इसके बारे में सोचता हूँ, तो पाता हूँ कि कंप्यूटर प्रोग्रैम बनाते हुए कितना समय बीत जाता है मुझे पता नहीं लगता। पर और थोड़ा ध्यान से सोचने पर समझ आता है कि किसी भी समस्या का हल ढूंढने में मैं मग्न हो जाता हूँ और मुझे समय का आभास नहीं रहता। तो यह ज़रूरी नहीं कि आपको एकदम समझ आ जाए कि आप को किस काम से प्यार है। इसमें समय लग सकता है। और हो सकता है कि आपकी पहली सोच सटीक ना हो। उसमें संशोधन हो सकते हैं। इसलिए धीरज रखिए।

और जब आप इतने महत्वपूर्ण विषय पर सोच ही रहे हैं तो ऐलेन दे बोत्तोन की इस बात पर भी ध्यान रखें कि हमें लगता है कि हम जानते हैं कि सफलता क्या है। पर बहुत बार हमारे विचार उधार के होते हैं। हम टीवी, दोस्त और माता-पिता जैसे कई स्रोतों के प्रभाव से अपने सफलता के मापदंड तय करते हैं। हमें अपने सफलता के मायनों पर पुनर्विचार करके निश्चित कर लेना चाहिए कि वह सही में हमारी अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं। क्योंकि विफलता से भी बुरी एक चीज़ है। यात्रा के अंत में पता चलना कि मंज़िल कुछ और थी।


और फिर बार-बार मेरी विफलताओं के बात हौल्स्टी मैनिफैस्टो की यह बात मेरे दिमाग में गूंजती है,

अगर तुम प्यार ठूंठ रहे हो तो, रुको; वह तुम्हारा इंतज़ार कर रहीं होंगी जब तुम वह चीज़ें करना शुरू कर दोगे जिनसे तुम प्यार करते हो।



हौल्स्टी मैनिफैस्टो
यह तुम्हारा जीवन है।
वह करो जिससे तुम प्यार करते हो, और उसे अकसर करो।
अगर तुम्हें कुछ पसंद नहीं, तो उसे बदल दो।
अगर तुम्हें अपनी नौकरी पसंद नहीं, तो उसे छोड़ दो।
अगर तुम्हारे पास पर्याप्त समय नहीं है तो, टीवी देखना बंद करो।
अगर तुम प्यार ठूंठ रहे हो तो, रुको;
वह तुम्हारा इंतज़ार कर रहीं होंगी,
जब तुम वह चीज़ें करना शुरू कर दोगे,
जिनसे तुम प्यार करते हो।
अत्यधिक विश्लेषण करना बंद करो।
जीवन आसान है।
हर भावना सुंदर है।
जब तुम खाते हो तो, हर आखरी निवाले की सराहना करो।
अपनी सोच, बाहें और हृदय को नई चीज़ों और लोगों के लिए खोलें,
हम अपनी विविधता में ही जुड़े हैं।
जो अगला इनसान दिखे उससे पूछो कि उसका जुनून क्या है।
और उन्हें अपने प्रेरक सपने बताओ।
अकसर घूमो; खोकर तुम अपने आप को ढूंढ पाओगे।
कुछ मौके एक बार ही मिलते हैं, उन्हें झपट लो।
जीवन लोगों से मिलने के लिए है,
और उन चीज़ों के लिए है जो तुम उनके साथ बनाते हो।
तो बाहर जाओ और बनाना शुरू करो।
जीवन छोटा है।
अपने सपने साकार करो और अपना जुनून दूसरों के साथ बांटो।


(यह किसी एक लेख का अनुवाद नहीं है। यह कुछ लेखों के सार का अनुवाद है।)




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