नमस्ते आंटी
नमस्ते आंटी,
मैं अमेरीका
में पढ़ता हूँ। और वहाँ और यहाँ में मुझे सबसे बड़ा फरक पता है क्या लगता है? वहाँ मैं किन्नर लोगों को हमारे
कौलेज में हमारे साथ पढ़ता हुआ देखता हूँ। वहाँ हमारे कुछ किन्नर अध्यापक भी हैं।
मुझे यह फरक इसलिए एकदम दिखाई दिया क्योंकि मुझे बचपन में आप लोगों से बहुत डर
लगता था। अभी भी थोड़ा लगता है। यह डर तब कम हुआ जब मैंने किन्नर लोगों को अपने
जैसे ही हमारे साथ पढ़ते हुए देखा। यह विदेश और भारत में एक बहुत बड़ा फरक है। मैं
चाहता हूँ की भारत में भी यह फरक आए। मैं चाहता हूँ कि आप लोग भी हमारे समाज का
अभिन्न हिस्सा बनें।
भारत में भी
यह बदलाव आ रहा है। और मैं चाहता हूँ कि आप भी इसका हिस्सा बनें। इस बदलाव की
शुरूआत के कई उदाहरण है। एक बंबई में, जहाँ एक रैस्टोरेंट में केवल किन्नर लोग ही
खाना बनाते हैं और परोसते हैं। और लोग वहाँ खुशी खुशी जा कर खाना खाते हैं। मैं
आपसे चाहता हूँ कि आप किन्नर लोगों के भी जाकर यह बात बताएं जिससे हम भारत में भी
यह बदलाव देख सकें।
शुभ चिंतक
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