जाड़े की संभावनाएं





हवाएं ले रही है ठंडकथोड़ी शीतल वायु से,
थोड़ा मेरे मन से।
मौसम ले रहा है मस्तीथोड़ी उन ठंडी हवाओं से,
थोड़ा मेरे मन से।

ऋतु में हैं संभावनाएं, थोड़ीं दिन के उजाले से,
थोड़ीं चांदनी की शीत से।
और थोड़ीं मेरे मन से।
समा में है रंगथोड़ा जीते और लड़ते पत्तों से,
थोड़ा संभावनाओं से।

मौसम में है जो मस्ती, थोड़ी जाड़े की पुकार से,
थोड़ा किसी के आने की आहट से,
और थोड़ी मेरे मन से।
तन में है झनझनाहट, थोड़ी उन ठंडी हवाओं से,
थोड़ा उनके आने की आहट से।

यहां से ली गई है (http://www.magic4walls.com/wp-content/uploads/2015/10/man-look-girl-swing-under-winter-snowfall-minimalism-wallpaper.jpg)

जाड़ा आंच लगाता हैथोड़ी मेरी मस्ती से
थोड़ा उनके घुंघरू से।
कंबल आंच बचाता है, थोड़ी उन ठंडी हवाओं से,
थोड़ी गर्मी दिए।

घुंघरू सुनाई देता हैथोड़ी उनकी आहट से,
थोड़ा मेरी मस्ती से।
आना उनकी मरज़ी हैथोड़ी मेरी पुकार से,
थोड़ी मेरी किस्मत से।

जाड़ा आता है, थोड़ी मस्ती से,
थोड़ी ठंड लिए, थोड़ी आंच लिए।
जाड़ा जाता है, थोड़ी अंगड़ाई से,
थोड़ा दर्द दिए, थोड़ी यादें दिए।

ग्रीष्म आएगा, थोड़े उत्साह से,
थोड़े और रंग लिए, थोड़ी और चुनौतियाँ लिए।
ग्रीष्म फिर जाएगा, थोड़ी बरखा से,
थोड़ी सफलता दिए, थोड़ा उत्साह दिए।

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