मेरे दोस्त और उनकी अंग्रेज़ी
मेरे दोस्त और उनकी अंग्रेज़ी (पढ़ने से पहले देखें - http://www.ted.com/talks/jamila_lyiscott_3_ways_to_speak_english ) मैं: यह तो हिन्दी के लिए भी लागू होता है क्योंकि ... बस ईसलिए कि कोई इनसान हिन्दी में बोलता है तो वह अनपढ़ है यह सोच लेना गलत है। उसने "सौरी" की जगह "मांफ करना" बोला.... अरे क्या गंवार है। क्या यह सच नहीं कि अगर राह चलते कोई पूछेगा, "है, वेयर इज़ द बिल्डिंग ए, इन दिस अपार्टमेंट?", तो तू तुरंत विनम्रता से उसे पूरा रासता बता देंगा। वहीं कोई आकर बोले, "भईया जी, ये इन घरों में विल्डिंग ए कोन सी हैगी", तो तू उसे दूर से इशारा करके आगे बढ़ जाएगा। किसी को अंग्रेज़ी बोलनी नहीं आती इसका मतलब यह नहीं की उसको तमीज़ नहीं है। जो तीन जादूई शब्द, "सौरी, थैंक्यू और प्लीज़", अंग्रेज़ी में हैं, वो हिन्दी में भी हैं, "खेद (मांफी), धन्यवाद और कृपया"। मेरे दोस्त: हाँ तू तो हिन्दी का प्रचार करने वाला कट्टरवादी है, तू तो बोलेगा ही। तुझ से तो यही उम्माद की जा सकती ही। और वैसे भी यह बात तो सच ही है कि अंग्रेज़ी बोलने वाले पढ़े...